भारत-बांग्लादेश तनाव बढ़ा, वीजा सर्विस अनिश्चितकाल के लिए बंद | विरोध प्रदर्शनों से दोनों देशों में चिंता गहरी
भारत और बांग्लादेश के बीच मौजूदा तनाव एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। दिल्ली स्थित बांग्लादेश हाई कमीशन ने सुरक्षा चिंताओं के आधार पर भारत में जारी अपने सभी वीज़ा और काउंसलर सेवाओं को अस्थायी रूप से रोक दिया है। हाई कमीशन की तरफ से यह आदेश अगले निर्देश तक जारी रहेगा। इससे पहले अगरतला में बांग्लादेश के कॉन्सुलेट ने भी वीजा सेवा रोक दी थी।
यह कदम उस समय उठाया गया जब बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू हुए, और राजनयिक सुरक्षा पर सवाल उठने लगे। 🙏
छात्र नेता हादी की हत्या पर फैला विवाद – भारत में शरण का दावा खारिज
बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति और हिंसा के बीच छात्र नेता उस्मान हादी की मौत ने माहौल तनावपूर्ण बना दिया है।
हादी को 12 दिसंबर को गोली मारी गई थी और 18 दिसंबर को अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई।
इस घटना के बाद दावा किया जा रहा था कि मुख्य आरोपी फैसल करीम मसूद भारत भाग गया है, लेकिन बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने इसकी पुष्टि से इनकार किया।
गृह मंत्रालय के IG रफीकुल इस्लाम ने कहा—
भारत में आरोपी की शरण का कोई प्रमाण नहीं मिला है, आरोपी का ठिकाना अज्ञात है।
भारत ने भी चटगांव में वीज़ा सेवा रोकी – बढ़ती सुरक्षा चिंताओं का असर
भारत की ओर से भी बड़ा कदम उठाया गया है।
रविवार को भारत ने चटगांव स्थित असिस्टेंट हाई कमीशन में वीज़ा सेवाओं को अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया।
कारण—
● भारतीय दूतावासों के बाहर बढ़ते विरोध प्रदर्शन
● चटगांव में भारतीय प्रतिनिधि आवास पर भीड़ का पहुंचना
● ढाका, खुलना और राजशाही में नारेबाजी
इसी कारण भारतीय वीज़ा आवेदन केंद्र ने घोषणा कर दी कि—
21 दिसंबर से अगले आदेश तक वीजा स्वीकार नहीं होंगे।
हाई कमीशन के बाहर प्रदर्शन—भारत-बांग्लादेश के बीच बयानबाजी तेज
दिल्ली में शनिवार रात बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर लगभग 20–25 लोगों ने शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन किया।
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा—
प्रदर्शन छोटा था, किसी प्रकार का खतरा नहीं था।
लेकिन बांग्लादेश ने इस बयान को हल्का और गलत बताया, और दावा किया कि स्थिति अधिक गंभीर थी।
ढाका का सवाल—
इतनी सुरक्षा वाले क्षेत्र में प्रदर्शनकारी पहुंचे कैसे?
शेख हसीना का बड़ा आरोप – यूनुस भारत विरोधियों को बढ़ावा दे रहे
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दावा किया कि—
● अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस
● कट्टरपंथी समूहों को सहारा दे रहे हैं
● भारत विरोधी माहौल को बढ़ावा दे रहे हैं
हसीना ने कहा—
भारत का डर सही है, दूतावासों और राजनयिकों को खतरे हैं।
उन्होंने आगे कहा—
● कट्टरपंथी ताकतें भारत दूतावासों पर मार्च निकाल रहीं
● मीडिया कार्यालयों पर हमले
● अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़े
अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले बढ़ने का दावा – ढाका में बड़े प्रदर्शन
ढाका के नेशनल प्रेस क्लब के सामने हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया।
विरोध का कारण—
● हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या
● धार्मिक पहचान पर हमला
● झूठे ईशनिंदा आरोप
प्रदर्शनकारी बोले—
रोजगार छोड़ना पड़ रहा है, लोग डर में जी रहे हैं।
उनका दावा—
● जनवरी से अब तक 50 से अधिक अल्पसंख्यक मारे गए
● कई पर फर्जी ईशनिंदा केस
● महिलाओं पर हमले
● घर जलाए गए
दीपू चंद्र दास की हत्या – देशभर में झटका
भालुका में 25 वर्षीय दीपू चंद्र दास को
● बेरहमी से पीटा गया,
● पेड़ से बांधा गया,
● और जिंदा जलाकर मार दिया गया।
बीबीसी रिपोर्ट—
शव नग्न अवस्था में पेड़ से लटकाया गया, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल।
स्थानीय पुलिस और जांच एजेंसियों ने कहा—
फेसबुक पर ईशनिंदा का कोई सबूत नहीं मिला।
अब तक 12 आरोपी गिरफ्तार।
धार्मिक पहचान पर हिंसा – रिक्शा चालक को भीड़ ने मारा
झेनाइदह जिले में एक हिंदू रिक्शा चालक गोविंदा बिस्वास पर हमला किया गया क्योंकि—
● हाथ में लाल कलावा था
● और अफवाह फैली कि वह भारतीय RAW एजेंट है
भीड़ में स्थानीय मौलवी भी शामिल थे।
पुलिस ने हालत बिगड़ते देख युवक को बचाया।
भारत-बांग्लादेश रिश्तों पर इसका असर क्या पड़ सकता है?
विशेषज्ञों के अनुसार—
1️⃣ वीज़ा सेवा ठप रहने से
● व्यापार
● छात्र आवाजाही
● चिकित्सा टूरिज़्म
पर असर पड़ेगा।
2️⃣ अल्पसंख्यकों पर हमलों से
● भारत में राजनीतिक दबाव बढ़ेगा।
3️⃣ दोनों देशों के कूटनीतिक संबंधों में
● तनाव बढ़ने की संभावना है।
4️⃣ सीमा सुरक्षा पर भी
● और कड़ी निगरानी हो सकती है।
5️⃣ बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति का असर
● भारत की विदेश नीति पर पड़ेगा।